धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय ।
माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होय ॥
हे मन ! धीरे-धीरे सब कुछ हो जाएगा। माली सैंकड़ों घड़े पानी पेड़ में देता है परंतु फल तो ऋतु के आने पर ही लगता है। अर्थात धैर्य रखने से और सही समय आने पर ही काम पूरे होते हैं।
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय ।
माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होय ॥
हे मन ! धीरे-धीरे सब कुछ हो जाएगा। माली सैंकड़ों घड़े पानी पेड़ में देता है परंतु फल तो ऋतु के आने पर ही लगता है। अर्थात धैर्य रखने से और सही समय आने पर ही काम पूरे होते हैं।
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