अदानी विजिंजम पोर्ट: भारत का वैश्विक समुद्री व्यापार की ओर अग्रसर कदम / Adani Vizhinjam Port: India's step towards global maritime trade

केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित अदानी विजिंजम इंटरनेशनल पोर्ट भारत की समुद्री ताकत को नए आयाम देने वाला एक ऐतिहासिक प्रोजेक्ट है। यह पोर्ट सिर्फ एक बंदरगाह नहीं, बल्कि भारत की व्यापारिक आत्मनिर्भरता और वैश्विक महत्वाकांक्षा का प्रतीक बनता जा रहा है।

🚢 रणनीतिक दृष्टिकोण से एक बड़ा कदम

मई 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया यह पोर्ट भारत का पहला गहरे पानी वाला कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है। लगभग ₹8,900 करोड़ की लागत से अदानी समूह द्वारा निर्मित यह पोर्ट विश्व के सबसे बड़े कार्गो जहाज़ों को संभालने में सक्षम है, जिसकी प्राकृतिक गहराई 20 मीटर से अधिक है।यह पोर्ट अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्ग से केवल 10 नॉटिकल मील की दूरी पर स्थित है, जिससे यह भारत के लिए एक प्राकृतिक ट्रांसशिपमेंट हब बन जाता है। इससे पहले भारत को ट्रांसशिपमेंट के लिए कोलंबो, सिंगापुर और दुबई जैसे विदेशी पोर्ट्स पर निर्भर रहना पड़ता था। अब विजिंजम उस निर्भरता को समाप्त कर आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

🏗️ विकास का दूसरा चरण: क्षमता तीन गुना बढ़ेगी

पोर्ट का दूसरा चरण अब शुरू हो चुका है, जिसमें $1.1 बिलियन का अतिरिक्त निवेश किया गया है। इसका उद्देश्य पोर्ट की क्षमता को तीन गुना करना है — जिसमें अतिरिक्त बर्थ, आधुनिक उपकरण और लॉजिस्टिक सुविधाओं का निर्माण शामिल है।यह विस्तार विजिंजम को दक्षिण एशिया के सबसे बड़े ट्रांसशिपमेंट केंद्रों में से एक बना देगा।

💼 स्थानीय रोज़गार और सामाजिक बदलाव

इस परियोजना ने केरल में स्थानीय रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं। वर्तमान में लगभग 700 लोग इस पोर्ट में कार्यरत हैं और आने वाले वर्षों में यह संख्या दोगुनी होने की संभावना है। साथ ही राज्य सरकार स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार देने पर विशेष ध्यान दे रही है।विशेष उल्लेखनीय बात यह है कि पहली बार महिलाएं क्रेन ऑपरेटर के रूप में नियुक्त की गई हैं — जो कि भारत के किसी भी पोर्ट में एक नई शुरुआत है।

🌿 विवादों की छाया में प्रगति

हालाँकि यह परियोजना प्रगति का प्रतीक है, लेकिन इसके रास्ते में विवादों की भी कोई कमी नहीं रही। वर्ष 2022 में मछुआरे समुदाय ने समुद्र तट के कटाव और आजीविका पर प्रभाव का आरोप लगाकर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किए, जिससे निर्माण कार्य चार महीने तक बाधित रहा।हाल ही में, पोर्ट के उद्घाटन को चिह्नित करने के लिए कनककुन्नु पैलेस में एक कंटेनर जहाज की प्रतिकृति स्थापित की गई थी, जिसे सांस्कृतिक विरासत को नुकसान पहुंचाने के आरोपों के बाद हटाना पड़ा। यह घटना दर्शाती है कि विकास और विरासत के बीच संतुलन बनाए रखना कितना आवश्यक है।

🌍 भविष्य की ओर: भारत का समुद्री भविष्य

विजिंजम पोर्ट, भारत के सागरमाला प्रोजेक्ट के तहत, देश के समुद्री ढांचे को आधुनिक बनाने, लॉजिस्टिक लागत घटाने और तटीय राज्यों की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने में मदद करेगा। यह पोर्ट भारत के लिए वैश्विक समुद्री मानचित्र पर एक शक्तिशाली उपस्थिति बनाने का माध्यम बन सकता है।

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