बांग्लादेश में एक बड़ा राजनीतिक और सांस्कृतिक बदलाव सामने आया है। देश की अंतरिम सरकार ने राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर को आधिकारिक मुद्रा (Currency) से हटाने का फैसला लिया है। यह कदम बांग्लादेश की बदलती राजनीतिक दिशा और नई राष्ट्रीय पहचान को दर्शाता है।
नई बांग्लादेशी करेंसी में क्या बदला है?
बांग्लादेश बैंक ने जानकारी दी है कि 20, 100, 500 और 1000 टका के नए नोटों की छपाई शुरू हो गई है, जिनमें शेख मुजीब की तस्वीर नहीं होगी। इन नोटों में अब दिखाई देंगे:
- बंगाली संस्कृति से जुड़े प्रतीक
- जुलाई आंदोलन के दौरान बने ग्रैफिटी
- धार्मिक स्थलों की तस्वीरें
- राष्ट्रीय एकता के प्रतीक चिह्न
इन नए नोटों को अगले छह महीनों में चलन में लाया जाएगा, और धीरे-धीरे अन्य मूल्यवर्ग के नोटों को भी बदला जाएगा।
राजनीतिक पृष्ठभूमि: क्यों हटाई गई तस्वीर?
2024 में प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश में एक अंतरिम सरकार का गठन हुआ, जिसकी अगुवाई नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं। इस नई सरकार का उद्देश्य है कि राष्ट्रीय प्रतीकों को गैर-राजनीतिक और समावेशी बनाया जाए।इसी क्रम में शेख मुजीब की तस्वीरों और मूर्तियों को विभिन्न सरकारी भवनों और सार्वजनिक स्थलों से हटाया जा रहा है।
जनता की प्रतिक्रिया क्या है?
इस फैसले को लेकर समाज में मिला-जुला रुख देखने को मिल रहा है:
- समर्थकों का कहना है कि यह एक समावेशी राष्ट्र की ओर कदम है, जो किसी एक नेता की छवि तक सीमित नहीं होना चाहिए।
- विरोधियों का मानना है कि यह बांग्लादेश की आज़ादी के संघर्ष और उसके नायक की विरासत को मिटाने की कोशिश है।
इतिहासकारों का मानना है कि किसी भी देश की मुद्रा से उसके राष्ट्रपिता की तस्वीर हटाना केवल आर्थिक फैसला नहीं, बल्कि एक गहरा राजनीतिक संकेत है।
आगे क्या होगा?
सरकार भविष्य में कई और बदलाव कर सकती है:
- शैक्षिक पुस्तकों में इतिहास की नई व्याख्या
- सरकारी कार्यालयों से नेताओं की तस्वीरें हटाना
- राष्ट्रीय त्योहारों और दिवसों की नई परिभाषा
यह फैसला बांग्लादेश की बदलती पहचान का संकेत है, जो केवल मुद्रा तक सीमित नहीं रहेगा।
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