📌 विषय: संसद में विधेयक (Bill) पास करने के लिए आवश्यक बहुमत के प्रकार (Types of Majority in Parliament)
📌 प्रासंगिक परीक्षा: UPSC, SSC, State PCS, Railways, NDA, CDS, आदि
📌 स्रोत: भारतीय संविधान (Article 107–111, 368)
🔑 1. सरल बहुमत (Simple Majority)
📌 परिभाषा:
उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का बहुमत।
कुल सदस्यों की संख्या का कोई महत्व नहीं होता।
📘 उपयोग:
- सामान्य विधेयक (Ordinary Bill)
- धन विधेयक (Money Bill)
- बजट पास करना
- अविश्वास प्रस्ताव (No-confidence Motion)
- राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव
📊 उदाहरण:
लोकसभा में 500 सदस्य हैं, 400 उपस्थित हैं, 300 वोट डालते हैं।
→ बिल पास करने के लिए केवल 151 वोट की जरूरत है।
🔑 2. संविधान संशोधन विशेष बहुमत (Special Majority under Article 368)
📌 परिभाषा:
- संसद के कुल सदस्यों का 50% से अधिक समर्थन
- उपस्थित और मतदान करने वालों में से 2/3 समर्थन
📘 उपयोग:
- संविधान में संशोधन (जैसे आरक्षण, मौलिक अधिकारों में बदलाव आदि)
📊 उदाहरण:
लोकसभा कुल = 545
→ कम से कम 273 सदस्य बिल के पक्ष में होने चाहिए
→ मान लीजिए 450 वोट करते हैं, तो 300 का समर्थन जरूरी
🔑 3. विशेष बहुमत + राज्य अनुमोदन (Special Majority with State Ratification)
📌 परिभाषा:
Article 368 के अंतर्गत विशेष बहुमत के बाद
कम से कम आधे राज्यों की विधानसभाओं की मंजूरी जरूरी
📘 उपयोग:
- संघ और राज्य संबंधों में बदलाव
- राष्ट्रपति/राज्यपाल की शक्तियों में बदलाव
- न्यायपालिका की संरचना में बदलाव
🧠 फैक्ट:
GST (101वां संशोधन) ऐसा ही एक संशोधन था जिसमें राज्य अनुमोदन आवश्यक था।
🔑 4. संयुक्त बैठक बहुमत (Majority in Joint Sitting)
📌 परिभाषा:
लोकसभा + राज्यसभा की संयुक्त बैठक में सरल बहुमत से निर्णय
📘 उपयोग:
- जब राज्यसभा बार-बार सामान्य बिल को पास नहीं करती
- राष्ट्रपति अनुच्छेद 108 के तहत संयुक्त बैठक बुलाते हैं
🧠 अब तक सिर्फ 3 बार हुआ है:
- डाउरी प्रोहिबिशन बिल (1961)
- बैंकिंग सर्विसेज कमीशन बिल (1978)
- प्रीवेंशन ऑफ टेररिज्म बिल – POTA (2002)
🔑 5. विशेष बहुमत (2/3 of Present & Voting)
📌 परिभाषा:
उपस्थित और मतदान करने वालों का दो-तिहाई बहुमत
📘 उपयोग:
- राष्ट्रपति का महाभियोग
- उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रस्ताव
- राज्यसभा द्वारा अखिल भारतीय सेवाओं के लिए कानून
