भारतीय संविधान का अनुच्छेद 4, राज्य नीति के निर्देशक तत्वों (DPSPs - Directive Principles of State Policy) का उल्लेख करता है। ये तत्व मौलिक अधिकारों के विपरीत, न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, लेकिन राज्य के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हैं। ये सिद्धांत सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय को सुनिश्चित करने, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और समानता को बढ़ावा देने, और एक न्यायसंगत समाज के निर्माण के लिए राज्य को प्रेरित करते हैं।
अनुच्छेद 4 का मुख्य प्रावधान:
अनुच्छेद 4 में कहा गया है कि राज्य को राज्य नीति के निर्देशक तत्वों को लागू करने के लिए प्रयास करना चाहिए। यह राज्य के कर्तव्य को रेखांकित करता है, न कि नागरिकों के अधिकारों को।
अन्य महत्वपूर्ण DPSPs (अनुच्छेद 36-51):
अनुच्छेद 4 के अलावा, संविधान में कई अन्य राज्य नीति के निर्देशक तत्व शामिल हैं, जिनमें शामिल हैं:
- अनुच्छेद 39: सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करना।
- अनुच्छेद 40: ग्राम पंचायतों का गठन।
- अनुच्छेद 41: रोजगार, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना।
- अनुच्छेद 44: समान नागरिक संहिता अपनाना।
- अनुच्छेद 47: सार्वजनिक स्वास्थ्य और पोषण में सुधार।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये निर्देशक तत्व न्यायिक समीक्षा के दायरे से बाहर हैं, इसका मतलब है कि कोई व्यक्ति इनके उल्लंघन के लिए अदालत में मामला नहीं दर्ज कर सकता। फिर भी, ये तत्व सरकार के नीति निर्माण और कार्यक्रमों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अधिक जानकारी के लिए, आप भारत के संविधान की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं। (एक विश्वसनीय स्रोत यहाँ डालें, अगर उपलब्ध हो)